अनुभव करें दिव्य आशीर्वाद और आध्यात्मिक शांति
भगवान श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर आध्यात्मिक प्रकाश और दिव्य अनुग्रह के प्रतीक के रूप में स्थापित हैं, जो जीवन के हर क्षेत्र से आने वाले भक्तों का स्वागत करते हैं। हमारा पवित्र मंदिर भगवान लक्ष्मी नारायण को समर्पित है, जो प्रेम, करुणा और शाश्वत ज्ञान के स्वरूप हैं।
2025 में स्थापित हमारा मंदिर समुदाय का एक आधार स्तंभ रहा है, जो प्रार्थना, ध्यान और आध्यात्मिक विकास के लिए एक शांतिपूर्ण आश्रय प्रदान करता है। मंदिर में भगवान लक्ष्मी नारायण की सुंदर मूर्तियाँ विराजमान हैं, जो पवित्र पत्थरों से तराशी गई हैं और पारंपरिक वैदिक अनुष्ठानों के माध्यम से अभिषिक्त की गई हैं।
मंदिर ही नहीं, कई तरह के धार्मिक आयोजनों में भी लाखों, करोड़ों का कारोबार होता है। 2025 को प्रयागराज में 50 दिन तक चलने वाले कुभ मेले में उत्तर प्रदेश सरकार को लगभग 1 लाख करोड़ का राजस्व मिला। विदेशों से आए पर्यटकों के कारण एयरलाइंस कंपनियों को 1.5 लाख करोड़ मिला। इसके अलावा 49 हज़ार टूर ऑपरेटर, 95 हज़ार पर्यटन और मेडिकल से जुड़े लोगों को भी रोजगार मिला।
एनएसएसओ का आंकड़ा बताता है कि भारतीय बिजनेस यात्रा से ज्यादा तीर्थांटन करते हैं और शिक्षा हेतु की जाने वाली यात्रा से ज्यादा खर्च तीर्थ यात्रा पर करते हैं। सरकार खर्च के इसी पैमाने को देश की अर्थव्यवस्था से जोड़ने की कोशिश भी कर रही है।
एनएसएसओ द्वारा भारतीयों के व्यय का तुलनात्मक अध्ययन किया, जिसमें भारतीयों का धार्मिक यात्रा पर प्रति व्यक्ति व्यय लगभग 2,717 रुपए प्रतिदिन, सामाजिक यात्रा पर व्यय 1,068 रुपए प्रतिदिन, जबकि शैक्षणिक यात्रा पर व्यय 2,286 रुपए प्रतिदिन है। यानि सभी यात्रा खर्चों में धार्मिक खर्च दोगुना है।
भारत देवी-देवताओं और मंदिरों का देश है। भारत में धार्मिक पूजा (प्रवचन), त्यौहार आदि काफी बड़े पैमाने पर बनाए जाते हैं। भारत के कुछ प्रमुख मंदिरों में हर साल लाखों/करोड़ों लोग दूर-दूर से पहुचते हैं। जिसके कारण मंदिर के आस-पास छोटे दुकानदारों और पर्यटन से जुड़े लोगों को बड़ा फायदा होता है। प्रत्येक छोटे बड़े मंदिर के कारण आसपास लगी दुकानों, स्टालों, उन पर बिकने वाले सामान के निर्माण और मंदिर आने जाने वाले श्रद्धालुओं के परिवहन के काम में लगे अनेक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलता है।
प्रतिदिन श्रद्धा और भक्ति के साथ आरती और भजन आयोजित किए जाते हैं
जरूरतमंदों के लिए निःशुल्क भोजन और परोपकारी गतिविधियाँ
सुबह 6:00 बजे - 11:30 बजे
प्रातः आरती: सुबह 6:30 बजे
भोग: सुबह 11:00 बजे
शाम 5:00 बजे - रात 9:00 बजे
सायं आरती: शाम 7:00 बजे
संध्या भजन: रात 8:00 बजे
नारायण सेवा संस्थान परिसर, बरेठी, बाराबंकी, देवा रोड
+91 89206 84073
+91 94154 25821
laxminarayan2025@gmail.com
Morning: 6:00 AM - 11:30 AM
Evening: 5:00 PM - 9:00 PM
आपका सहयोग हमारे पवित्र मिशन को आगे बढ़ाने में अमूल्य योगदान देगा। मिलकर हम आध्यात्मिकता, सेवा और समाज कल्याण की दिशा में नए आयाम स्थापित कर सकते हैं।
सभी दान मंदिर की गतिविधियों और सामुदायिक कल्याण के लिए उपयोग किए जाते हैं।